हम 14वीं सदी में नहीं रह रहे जो गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड के रिश्ते पर नाक-मुंह सिकोड़ना शुरू कर दें। आज हमारे समाज में यह आम रिश्ता है। लव-रिलेशनशिप कॉमन हो गया है। कई बार यह इतना ट्रेंडी और फैशनेबल लगने लगता है कि हमें किसी की ज़रूरत नहीं महसूस होती, हम किसी से कुछ खास लगाव नहीं रखते फिर भी दूसरों को बताने के लिए कि हम भी कमिटेड हैं, रिलेशनशिप में हैं.. बॉयफ्रेंड बना लेते हैं।
ऐसा बॉयफ्रेंड जिसकी आपको खास ज़रूरत नहीं थी, जिसके साथ आपका रिश्ता लंबा नहीं चलने वाला। मैं यह नहीं कह रही कि रिश्ता लंबा चलने वाला हो तभी बॉयफ्रेंड बनाया जाए। पर सिर्फ़ कमिटेड बने रहने के लिए बॉयफ्रेंड बनाना भी सही नहीं है।
लड़के भी कई तरह के होते हैं, ठीक वैसे ही जैसे कि लड़कियां कई तरह की होती हैं। लड़का आपको अच्छा लगता है ये तो ठीक है। पर सिर्फ़ अच्छा लगता है इसलिए बॉयफ्रेंड बना लेना समझदारी नहीं है। अच्छा तो वो भी लगता है जिसपर हमारा क्रश होता है। क्रश समझती हैं न आप। पर सबसे प्यार नहीं किया जा सकता। सबको बॉयफ्रेंड नहीं बनाया जा सकता।
एक लड़का है जो आप से बेहद प्यार करता है। और ये आपको इसलिए पता है क्योंकि वो हर दूसरी बात में आपको नसीहत देता है। कहीं न कहीं आपको लगता है कि वो ठीक ही कह रहा है। आप जैसी सीधी लड़कियों कि वजह से ही ऐसे लड़के हीरो बन जाते हैं। उन्हें लगता है कि लड़कियां तो होती ही डब्बा हैं, उन्हें हर चीज़ के लिए लड़कों से सलाह-मशवरा करना चाहिए। सही वही है जो वो डिसाइड करते हैं। साहबज़ादे मंगल ग्रह से इंटेलिजेंस में क्रैश कोर्स कर के आए हैं न.. Huh! ऐसे लड़कों को हीरो न बनने दें, इनसे बात करती भी हैं तो उस बात पर अपनी बात रखने की आदत डालें। उनकी हर बात पर हां में हां मिलाना ज़रूरी नहीं है। आप देखेंगी कि जब आप अपनी बात रखती हैं तो वह किस तरह आपको पुचकारते हुए उस बात को हटाकर अपनी बात मनवा लेता है। आप बस बुद्धू बनी रह जाती हैं।
दूसरी वैराइटी उन लड़कों की है जो पज़ेसिव माने जाते हैं। आपको पज़ेसिव लड़के पसंद हैं। आपको अच्छा लगता है जब कोई आपकी परवाह करता है। वो आपकी परवाह करता है ये आप इसलिए जानती हैं क्योंकि वो डिसाइड करता है कि आप अपने दोस्तों के साथ घूमने जाएंगी या नहीं। आप स्कर्ट पहनेंगी या नहीं। गुस्सा कर के नहीं, बड़े प्यार से दबाव डालते हुए। आप किसी से बात करती हैं तो उसे बुरा लगता है और उसका बुरा लगना आपको बड़ा ही क्यूट लगता है। ये एक वक्त तक तो ठीक है, पर जब हर रोज़ ये चीज़ें देखने को मिलें। जब हर रोज़ आपको पूछना पड़े कि आज टीना के घर चली जाऊं? सभी कॉलेज ट्रिप पर जा रहे हैं, जाऊं या नहीं? कज़िन की शादी में क्या पहनूं? तो समझ लें कि कुछ गड़बड़ है। अगर आप ने उससे पूछे बगैर कुछ कर लिया और रात भर आपको यह सोचकर नींद नहीं आई कि कल वो गुस्सा करेगा, तो मैं तो कहती हूं बेटा – किनारा कर लो ऐसे रिलेशनशिप से।
गर्लफ्रेंड बहुत पैसे खर्च करवाती हैं। कुछ लड़कियां तो बॉयफ्रेंड बनाती ही इसलिए हैं ताकि शॉपिंग का खर्च निकल सके.. ऐसी तमाम बातों के लिए लड़कियां बदनाम हैं। यकीन मानिए कुछ लड़कियां पैसे बिल्कुल खर्च नहीं करवातीं। उन्हें ये अपने आत्मसम्मान की तौहीन लगती है। ऐसी लड़कियों को देखकर लड़के सरप्राइज़्ड भी होते हैं। इनमें से कुछ लड़कियों को बहुत कुछ झेलना पड़ता है। बॉयफ्रेंड के फोन का बिल, उसका रिचार्ज, कुछ पैसे उधार दे दो बाद में दे दूंगा जैसी बातें आए दिन सुनने को मिलती रहती हैं। मतलब ये कि आपको लगता है कि लड़कियां ही खर्च करवाती हैं पर जहां लड़कियां खर्च नहीं करवातीं वहां कई बार उन्हें इस खर्चे से परेशान रहना पड़ता है। साथ में रहना है तो खर्च उठाने में कोई बुराई नहीं है.. पर आप उसके खर्च से लदी जा रही हैं और आपके अपने काम अगले महीने की सैलरी का वेट कर रहे हैं तो सोच लीजिए।
एक और महान नस्ल है बॉयफ्रेंड्स की। ये नस्ल पतियों में भी पाई जाती है। होता क्या है कि आप सोच चुकी होती हैं कि सीता मईया बनी रहना है। पूरी तरह डेडिकेट होते हुए आप रिलेशन में आगे बढ़ती हैं। धीरे-धीरे आपके बॉयफ्रेंड को आपका डेडिकेशन आपका फ़र्ज़ लगने लगता है। इस नस्ल के बॉयफ्रेंड्स ये भी सोचते हैं कि रिश्ते में वो सुपीरियर हैं। तो अब क्या होगा? होगा ये कि “तुम्हारा वो जो फ्रेंड है न अभय, मुझे बिल्कुल पसंद नहीं है। तुम्हारी बहन बात कैसे करती है? लगता है किसी गांव से सीधे मुंह उठाकर यहां चली आई हो। तुम्हारे कॉलेज के सारे स्टूडेंट्स की मेंटैलिटी ही ऐसी है।” ऐसी हज़ारों बातें आपको सुनने को मिलेंगी। आपको उसके फ्रेंड्स को स्पेस देना है। उसकी फैमिली की इज्ज़त करनी है, उसका सेल्फ़-रेस्पेक्ट हर्ट नहीं करना है। पर वो आपसे रिलेटेड किसी भी इंसान के बारे में कुछ भी बोल सकता है। ये कहते हुए कि भैया मुझे तो खरी-खरी कहने की आदत है।
आप रिलेशनशिप चाहती हैं, बॉयफ्रेंड बनाना चाहती हैं, बिल्कुल बनाएं। पर याद रखें कि आप अपनी लाइफ में खुशियां बढ़ाने के लिए ऐसा कर रही हैं। अगर आपका रिलेशन आपको फ्रस्ट्रेट करता है। आप इसी चिंता में डूबी रहती हैं कि फलां बात के लिए आपका बॉयफ्रेंड गुस्सा करेगा तो ये सब बेकार है। रिश्तों को बोझ की तरह न ढोएं। कई बार ऐसा भी होता है कि आप कमिटेड हैं, खुश नहीं हैं फिर भी रिश्ता नहीं तोड़ना चाहतीं क्योंकि आपको ये नहीं सुनना कि आप ने ब्रेकअप किया। अगर ऐसा हुआ तो सभी लोग आपके बॉयफ्रेंड को सिम्पैथी देने लगेंगे।
एक लड़की की सबसे बड़ी कमज़ोरी जानती हैं आप? आप डिसीज़न नहीं ले पाती हैं। आपकी डिसीज़न के बीच मॉरल साइंस की सारी किताबें और सारा ज्ञान आ जाता है। आप रेस्त्रां में खुद से ये डिसाइड भी नहीं कर पातीं कि आपको खाना क्या है? दोस्त की चॉइस के बाद आपको आइडिया आता है। अपने डिसीज़ंस लेना शुरू करो लड़कियों! बहुत कुछ बदल जाएगा।
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